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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-10)




पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि अवनी आनंद से पूछती है कि उसकी हालत ऐसे कैसे हो गई ? 
वहीं निहारिका जी चाय पीकर कहती है " हे भगवान.....
अब आगे ,

आनंद - क्या हुआ मॉम चाय अच्छी नहीं है क्या ??😕मै जानता था कि मेरी बेइज़ती हो जाएगी भाभी आप मत पीना ।
निहारिका जी - नहीं नहीं चाय तो तुमने बहुत अच्छी बनाई है .... वाह मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा .....
आनंद - मॉम आखिर बेटा किसका हूं 😎 
निहारिका जी - किसके हो ? 
आनंद - आपका 🙄 ही बेटा हूं....
निहारिका जी  हंसने लगती है और कहती है , घर जाकर तुम फिर चाय बनाना तुम्हारे पापा कहते रहते है कि आनंद को कुछ नहीं आता ।
आनंद - नो मॉम .... यहां तो सिर्फ आटा गिराया है ....वहा बनाया तो पक्का आपका किचन गायब हो जाएगा ...

निहारिका जी - दूर रहना फिर तुम ....अच्छा मै जिस काम के लिए आईं थी वो तो बताना ही भूल गई..अवनी बेटा आज मै तुम्हे शॉपिंग के लिए लेने आई हूं ....अगर  तैयार हो तो चलो फिर , सारी शॉपिंग आज ही कर लेते है बाद  में टाइम नहीं मिलेगा .......और हा इससे पहले तुम कुछ कहो पहले ही बता देती हूं  सारे ड्रेसेस मै खरीद रही अपनी बेटी के लिए तो पैसे के बारे में मत कुछ कहना ...ठीक है ?
अवनी - पर मां
निहरिका जी - मतलब मै तुम्हारी मां नहीं 
अवनी - है ..
तो फिर मा की बात सुनो अवनी कहती है जी ।
आनंद - भाभी मै खुद को धो कर आता  हूं , वरना किसी ने देख लिया तो बस गया वो 😂।

( आनंद फिर बाथरूम मे चला जाता है )

अवनी - मा हम शॉपिंग के लिए दोपहर में चले क्योंकि आज विवेक का रनिंग कंपीटिशन हैं तो स्कूल भी जाना है वरना वो नाराज हो जाएगा ।
निहारिका जी - क्या सच में ...मै भी चलती हूं फिर .....तुम्हे पता है रनिंग करना बहुत पसंद था मुझे  अच्छा शादी के बाद हम दोनों रनिंग पर चलेंगे साथ ।
अवनी - ( हंसते हुए) जी मां 

अवनी फिर परी और विवेक को जगा  देती है और उन्हें जल्दी  तैयार होने के लिए बोलकर नीचे आ जाती है ।

थोड़ी देर बाद आनंद आता है कहता है कि  मॉम चले अब शॉपिंग पर ,
निहारिका जी - नहीं अभी हम स्कूल जा रहे विवेक के ।
तभी विवेक और परी दोनों नीचे आ जाते है और साथ में निहारिका जी को नमस्ते करते है 🙏, निहारिका जी खुश हो जाती है ।
आनंद - मॉम इनसे तो मिलो ये हमारी नन्ही परी है ..... काश ये बड़ी होती तो मै इनसे  ही शादी कर लेता .....
परी - मै नहीं करूंगी इस पागल से शादी 

(सभी लोग हंसने लगते 😂) 

निहारिका जी कहती है अच्छा अब चले .......सब लोग फिर बाहर आकर कार मै बैठ जाते है और आनंद ड्राइविंग करता है । तभी निहारिका जी कहती है अवनी तुम्हे पता है बचपन में ऋषभ ने बहुत परेशान किया था एक बार तो हमे स्कूल में भी बुलाया गया था ।
अवनी - क्यों ?
निहारिका जी - बात ये थी कि ऋषभ ने स्कूल में एक बच्चे को पीट दिया था ,

(अवनी खुद से कहती है मतलब ये बचपन से ही खडूस है)

आनंद कहता मॉम उसमे भाई की  गलती नहीं थी याद है ना उसने आपके प्यारे बेटे आनंद की पिटाई की थी तभी हमारे खडूस भाई ने उसकी धुलाई की थी ...मजा ही आ गया था ।
निहारिका जी - हा हा बचपन से ही कांड करते आ रहे हो दोनों भाई मिलकर 
आनंद - ओह मॉम (और हंसने लगता है )

ऐसे ही निहारिका जी दोनों भाईयो के बचपन में किए हुए कांडो को बताती है और सब बहुत हंसते है ।

थोड़ी देर बाद वो लोग स्कूल पहुंच जाते है और प्लेग्राउंड में जाते है तो देखते है कि ऋषभ बैठा हुआ है अकेला तभी  विवेक वहा से बाय बोलकर अपने टीचर के पास चला जाता है । 
आनंद - मॉम अगर मै गलत नहीं हूं तो ये खडूस भाई है ना ?🤔 

( निहारिका जी आनंद के करीब आकर कहती है )

निहारिका जी - हा बेटा मुझे भी यही लग रहा है ।
परी - भैया ...ही है आनंद ।
अवनी - ये तुम आनंद को (आनंद क्यों कह रही )??
आनंद - भाभी आनंद को आनंद नहीं तो देवानंद कहेंगे क्या ?
अवनी आनंद को घुर के कहती है आनंद जी ...
तभी आनंद बोलता भाभी प्लीज आप हम दोनों के बीच में मत आईए....….. निहारिका जी आनंद का कान मरोड़ के कहती है बस बहुत मजाक हो गया चलो अब।
सब लोग ऋषभ के पास आकर बैठ जाते है,
आनंद - और जानेमन आज ऑफिस के बजाए यहां ,
ऋषभ - ( घूरता है) कल ही बताया था मै आऊंगा ,
आनंद - ओह देखो मॉम , भाभी और परी भी आए है ।
(ऋषभ सबकी तरफ देखता है)
आनंद - भाभी आप मेरी वाली सीट पर बैठ जाओ ना मुझे मॉम के पास बैठना है  बड़े दिनों से मां  का  प्यार नहीं मिला ,
अवनी - नहीं 
आनंद - अवनी के सामने आकर खड़ा हो जाता है और कहता है मॉम देखो ना भाभी मुझे आपके बगल मे बैठने नहीं दे रही ।
अवनी  फिर उठ कर ऋषभ के बगल मे बैठ जाती है ।
निहारिका जी - बेटा तुम कब बड़े होगे 🤣।
आनंद - मॉम जब तक आप बूढ़ी नहीं होंगी ( और हंसने लगता है ) 
निहारिका जी - चुप बिल्कुल चुप अब...अब जरा सा भी हंसे तो 😕
आनंद - I won't laugh mom😒
निहारिका जी  -  that's my good child .

थोड़ी देर बाद ही रेस शुरू हो जाती है बहुत सारे लोग आए हुए होते है ।  विवेक भागते हुए ऋषभ को हाय करता है , ऋषभ और अवनी मुस्कुरा देते है ।
अवनी -  ( सीट से खड़ी होकर ) विवेक और तेज भागो ..और तेज 
ऋषभ - मिस अवनी आप बैठ जाइए ।
अवनी - नहीं 
ऋषभ अवनी का हाथ पकड़ कर बिठा देता है और कहता है पीछे भी लोग बैठे हुए है ।
अवनी कुछ नहीं बोलती है ..
.(अवनी  का  ध्यान ही नहीं रहता है कि अभी भी ऋषभ ने उसका हाथ पकड़ा हुआ है । 
वो थोड़ी बैचैन होती है तो बार - बार उसका हाथ दबा देती है पर ऋषभ कुछ कहता नहीं है )

अवनी - विवेक रेस जीत जाएगा ना ??
ऋषभ -  हां 

तभी विवेक सबसे पहले आखिरी छोर पर पहुंच जाता है और रेस जीत जाता है ,
अवनी - (दोनों हाथो को ऊपर करके चिल्लाती है) ये विवेक जीत गया ,
ऋषभ - ये मेरा हाथ है 
अवनी - ( हाथ छोड़ देती है ) आई एम सॉरी ....
ऋषभ वहा से जाने लगता है तो आनंद उसका हाथ पकड़ के कहता  है भाई कहा चल दिए ?
ऋषभ - कंपनी 
तभी निहारिका जी ऋषभ के पास आकर कहती है कोई जरूरत नहीं है कंपनी जाने की ....पूरे दिन बस काम काम...अभी तुम हमारे साथ शॉपिंग पर चलो ।
ऋषभ - मॉम सॉरी पर मै नहीं ना आ सकता ...आज बहुत इंपॉर्टेंट मीटिंग है । आप ही मेरे लिए शॉपिंग कर लीजिए प्लीज़ मॉम.....
निहारिका जी - ठीक है पर अवनी के घर तक चलना होगा बोलो मंजूर है ??
ऋषभ ठीक है कह कर  स्कूल से बाहर निकलकर कार में बैठ जाता है।
(विवेक भी अपना ट्रॉफी लेकर बहुत खुश होता है और कहता है सबसे पहले तो भैया को दिखाऊंगा )
अवनी - हां भैया के चेले जो हो ,
विवेक - अभी बताता हूं रुको आप 😏

सब लोग फिर कार के पास आ जाते है तभी आनंद कहता है भाभी आपको भाई के कार में जाना होगा क्योंकि हमारे पास जगह नहीं है ....

अवनी - जगह नहीं है  कैसे हो सकता है मै थोड़ी देर पहले इसी मे  बैठ कर आई थी ...
आनंद - मॉम पीछे वाली सीट पर लेट रही है तो बस मै , परी ,विवेक और मॉम मेरी कार में जा रहे है आप भाई के कार में जाओ।
(अवनी फिर वहा से ऋषभ के कार के पास आकर खड़ी हो जाती है )
ऋषभ - आप यहां क्यों ?
अवनी - आनंद से पूछ लो 
आनंद - भाई .....भाभी आपके साथ जा रही है ये मॉम का ऑर्डर है , 
( निहारिका जी ऋषभ को देखती है तो वो कार का डोर खोल देता है और अवनी को बैठने के लिए कहता है ...उसे बिठा कर खुद ड्राइवर सीट पर आ जाता है और गाड़ी चलाकर वहा से निकल  जाता है 
)
आनंद - मॉम हो गया काम 
निहारिका जी - हाय मेरे जीनियस बेटे ..नजर ना लगे कभी तुम्हे 😍
आनंद - (ही ही 🤣) मॉम अब जल्दी चले क्या ...वरना वो हमसे आगे निकल जाएंगे।
निहारिका जी - हां 
( सब लोग बैठ जाते है और आनंद कार को पूरी स्पीड में चलाता है और ऋषभ से आगे निकल जाता है )


दूसरी तरफ ऋषभ और अवनी दोनों कार में शांत बैठे होते है  , तेज हवा के झोंको से अवनी के बाल उसके मुंह पर आ रहे होते है और वो उसे बार बार पीछे करने में लगी होती है ,  ऋषभ अवनी को देखकर  कहता है,
ऋषभ - आप विंडो बंद कर सकती है ।
अवनी - नहीं 
इतना बोलने के बाद दोनों फिर से शांत हो जाते है । थोड़ी देर बाद ऋषभ देखता है कि अवनी जिस साइड बैठी है उसकी विंडो के हैंडल पर कॉकरोच घूम रहा है ,
(वो ध्यान से देखते हुए कहता है)
ऋषभ - कॉकरोच 
अवनी कॉकरोच का नाम सुनते ही चिल्ला के ऋषभ को कसकर पकड़ लेती है जिसकी वजह से वो हड़बड़ा जाता है और जल्दी से ब्रेक लगा देता है ,
(अचानक से अवनी का इतना करीब आना ऋषभ को थोड़ा अजीब लगता है )
ऋषभ - क्या हुआ आपको ?
अवनी -(ऋषभ को पकड़े हुए  )कॉकरोच .......प्लीज़ इसे जल्दी से भगाओ 
ऋषभ - आप मुझे छोड़ियो तो 
अवनी - नहीं !! पहले आप इसे भगाओ...........
ऋषभ फिर अवनी की सीट की विंडो की तरफ झुकता है और कॉकरोच उठाकर देखते हुए कहता है ,
ऋषभ - ( गुस्से मे 😡 ) आनंद अब तुम नहीं बचोगे मेरे हाथो से ,
अवनी - क्या हुआ ?

ऋषभ कुछ नहीं बोलकर कॉकरोच को खिड़की से बाहर फेंक देता है और अवनी फिर  ऋषभ से अलग होकर अपनी सीट पर बैठ जाती है ।

( ऋषभ फिर से गाड़ी चलाने लगता हैं और कहता है )

ऋषभ - वैसे मैंने सुना था कि आप बहुत ब्रेव है ।
अवनी - हां हूं ब्रेव .....
ऋषभ - फिर ये क्या था जो अभी हुआ (वो सामने देखकर मुस्कुराते हुए )
अवनी -  (गुस्से में ) आपको बहुत खुशी मिल रही 
ऋषभ -  इतने छोटे कॉकरोच से डर गई मिस ब्रेव 
अवनी - हां डर गई .. खुश हो अब 😡
और  फिर वो  खिड़की से बाहर देखने लगती है ) 

थोड़ी देर बाद वो दोनो घर पहुंच जाते है । उनसे पहले ही आनंद भी सबके साथ पहुंच चुका होता है । अवनी जैसे ही कार से बाहर निकलती है तो  खुशी उसे पकड़कर कहती है ,
खुशी - तू  शादी कर रही हैं ! कब कर रही है ?? मुझे बताया क्यों नहीं है , किससे कर रही हैं ? 
(  इतने सारे  सवाल सुनकर तो अवनी का सर ही घूम जाता है )
अवनी - अरे अरे बस कर खुशी इतने सारे सवाल ... मेरा तो सर ही घूम गया ,
खुशी - ज्यादा मत घुमा...
पहले ये बता तूने इतनी जल्दी शादी करने का प्लान कब बना लिया , ( खुशी अवनी को आंखे मारकर 😜कहती है अच्छा जीजू कौन है )
अवनी - यार घर में तो चल पहले फिर बताती हु ।

( अवनी और खुशी अंदर चले जाते है ऋषभ को  वही छोड़कर )

अवनी जैसे ही अंदर जाती है तो  देखती है कि सामने रिया और आदि सब लोग बैठे हुए है वो  भागकर आदि के गले लग जाती है और कहती है ,
अवनी - भैया आप आ गए आपको पता है मैंने आपको कितना मिस किया ,
आदि - जानता हूं पगली  तभी तो आ गया अच्छा इनसे मिलो ये तुम्हारी ...…
अवनी - हां हां जानती हूं ये हमारी होने वाली भाभी है(अवनी रिया के गले मिलती  है फिर  निहारिका जी से  कहती है )
अवनी - मां ये मेरे बड़े भाई आदि है ।
निहारिका जी - जानती हूं अवनी ...पर तुमने मुझे बताया क्यों नहीं कि  शीला जी तुम्हारी मौसी है ।
अवनी - (हैरानी से ) आप मौसी को कैसे जानती है ?
निहारिका जी - (हंसते हुए ) शीला और मैं बहुत अच्छे दोस्त थे । 
( निहारिका जी  अवनी के पास आकर उसके माथे को चूम कर कहती है कि  मै बहुत खुशनसीब हूं जो  मेरी शीला की बेटी अब  मेरी बेटी बनेगी 😍।  इस बात को सुनकर अवनी उनके गले लग जाती है और रोने लगती है  । 
निहारिका जी  -  अरे बस - बस ये रोना बंद करो और अब सब लोग शॉपिंग चलो जल्दी वरना मै अब बहुत नाराज हो जाऊंगी ।
आनंद - मॉम अगर शॉपिंग जाना था तो घर ही क्यों आए ??
निहारिका जी - (धीरे से) वो तो बस बहाना था ऋषभ को जो शॉपिंग पर ले जाना है ।
(आदि उनकी बाते सुन लेता है और कहता है )
आदि - आंटी ऋषभ आया है क्या ?
निहारिका जी - हां बाहर है ।

आदि इतना सुनते ही भाग कर बाहर चला जाता है उसे इस तरफ  भागकर जाते देख अवनी कहती है 

अवनी - ये भाई कहा जा रहे ?
( और वो भी  पीछे  - पीछे बाहर आ जाती हैं और देखती है कि ऋषभ और आदि एक दूसरे से गले मिल रहे है और  बाते कर रहे  )

ऋषभ - भाई तुम यहां कैसे  और कब आए अमेरिका से  ?
आदि - बस अभी आया थोड़ी देर पहले ...चल अब अंदर आ जा ।
ऋषभ -  (हैरानी से )तुम यहां रहते हो ?
आदि हां कहता है और उसे अंदर लेकर आ जाता है । 
आनंद - ( हंसते हुए  ) लेडीज एन जेंटलमैन अगर आप लोगो   का मेल मिलाप हो गया हो तो चले अब शादी की शॉपिंग के लिए )
आदि -  ऋषभ क्या शादी कर रहा है 
आनंद - हां अवनी भाभी से ,
आदि - तुम मेरी बहन अवनी  की बात कर रहे हो क्या ?
आनंद - जी 
ऋषभ हैरान होकर पूछता है अवनी जी क्या तुम्हारी बहन है ? आदि ( खुश होकर  कहता है ) जी हां जनाब अवनी मेरी बहन है ।

( ऋषभ  कुछ  नहीं बोलता है । फिर सब लोग  शॉपिंग के लिए निकल जाते है , रास्ते में निहारिका जी  अवनी को बताती है कि आदि और ऋषभ बचपन से ही  दोस्त है ।
मॉल पहुंचने के बाद सब लोग शादी के लिए बहुत सारी शॉपिग करते है ...सिर्फ ऋषभ को छोड़कर ......., निहारिका जी देखती है तो कहती है,
निहारिका जी - बेटा तुम  क्यों नहीं कुछ ले रहे ? ( हंसते हुए ) शादी में क्या मेरी साड़ी पहनने वालो हो ....

( सब लोग ये सुनकर हंसने लगते है तभी अवनी कहती है )
अवनी - मॉम  इनकी शॉपिंग मै करा कर आती हूं ना जाऊं क्या ?
निहारिका जी - ( खुश होकर ) हां हां बिल्कुल 

अवनी फिर ऋषभ का हाथ पकड़कर लिफ्ट के अंदर आ  जाती है ।  अंदर जाने के बाद ऋषभ कहता है ,
ऋषभ - तो मिस अवनी आप मेरी शॉपिंग करवाने आई है "आई एम् इंप्रेस्ड "
अवनी - अह इंप्रेस्ड होने की जरूरत नहीं है वो तो बस मुझे इतने लोगो के बीच में सफोकेशन फील हो रहा था तो आपको साथ लेकर आ गई ......आई मीन  आपकी शॉपिंग कराने के बहाने यहां चली आई ..अब मुझे अच्छा लग रहा है ,..

( ऋषभ कुछ नहीं कहता है और  अवनी अपनी ड्रेस ठीक करने में लगी होती है.... तभी ऋषभ  उसकी कमर पर हाथ रखकर अपने करीब खींच लेता है  )
अवनी - ( घबराकर ) ये क्या कर रहे हैं आप ?
ऋषभ - वहीं जो  आप चाहती हैं ....
अवनी - मतलब क्या है आपका !  मैं .....
' इससे पहले अवनी कुछ कह पाती ऋषभ उसके गाल पर अपने होठ को रख लेता है और लिफ्ट खुलते ही बाहर निकलकर चला  जाता है । ऋषभ को खाली हाथ जाते देखकर निहारिका जी अवनी से  पूछती है  ,
निहारिका जी - अवनी हो गई शॉपिंग ऋषभ  की ? 
अवनी - ( बिल्कुल शांति से )मॉम वो अपनी शॉपिंग खुद कर सकते है तो अब हमे चलना चाहिए (और वो मॉल से बाहर निकल जाती हैं )
निहारिका जी - अवनी को क्या हुआ अब 
(  फिर सब लोग शॉपिंग करके  अपने अपने  घर चले जाते है )

***********

अगले दिन सभी लोग सामान पैक करने में लगे होते है क्योंकि आज अवनी और ऋषभ की सगाई होने वाली होती है तभी निहारिका जी का कॉल आता है आदि फोन उठाता है,
आदि - नमस्ते आंटी जी 
निहारिका जी - (खुश रहो  बेटा कहकर कहती है  ) आदि बेटा थोड़ी देर बाद ही ड्राइवर तुम्हारे घर पहुंच जाएगा तो तुम सभी लोगो को लेकर होटल पहुंच जाना ।
आदि - अरे आंटी जी इसकी क्या जरूरत थी हम खुद आ जाते ।
निहारिका जी - जरूरत थी बेटा जी अब चलो जल्दी आ जाओ हम लोग होटल में मिलते है ।
थोड़ी देर बाद ही ड्राइवर आ जाता है और सब लोग होटल जाने के लिए बैठ जाते है , रास्ते में अवनी आदि से पूछती है ,
अवनी - भाई रिया और खुशी को भी पिक कर लेते है रास्ते में , खुशी तो मेरा कॉल ही अटेंड नहीं कर रही ।
आदि -  ( कहता है ) रिया टोनी अंकल जी के साथ और हां  खुशी ने मुझे कॉल करके बताया था कि वो  अपने मॉम डैड के साथ होटल पहुंच जाएगी ।
अवनी - अच्छा .....

(अवनी फिर विंडो से बाहर देखने लगती है और मन में कहती है अब मैं बताती हु मिस्टर ऋषभ कश्यप  .........कि मै चीज क्या हूं )

..................................

Note - ऋषभ के कैरेक्टर के बारे में हमने पढ़ा कमेंट ...जी उसका कैरेक्टर वो ऐसा क्यों है ..आगे खुद कहानी में पता लग जायेगा मतलब वो खुद बताएगा और इसका हर वक्त बदलना लाइक कभी गंभीर तो कभी थोड़ा मजाकिया तो ये अलग ही तरह का है जैसे सिचुएशन के हिसाब से अपने कैरेक्टर को दर्शाता है ...कभी कभी जैसी  अवनी की सिचुएशन होगी अपना कैरेक्टर उस ढंग में ढाल लेगा...कभी गुस्से वाला तो कभी प्यार वाला 😊😊।

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6 Comments

Gunjan Kamal

31-Mar-2022 09:17 AM

Very nice

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अफसाना

20-Feb-2022 03:53 PM

इंटरेस्टिंग स्टोरी है आपकी

Reply

Arman

29-Jan-2022 05:59 PM

Very very happy

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